The Railway Men Review: शिव की साधना को कलाकारों का वरदान, इंसानियत के वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि देती सीरीज

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‘बचाइए हुजूर इस शहर को बचाइए’, ‘ज्वालामुखी के मुहाने बैठा भोपाल’, ‘ना समझोगे तो आखिर मिट जाओगे’, ये वो तीन हेडलाइंस हैं जो भोपाल के पत्रकार राजकुमार केसवानी ने शहर में हुए भयानक गैस हादसे के दो साल से पहले अपने समाचार पत्र ‘रपट’ की खबरों पर लगाईं।
‘बचाइए हुजूर इस शहर को बचाइए’, ‘ज्वालामुखी के मुहाने बैठा भोपाल’, ‘ना समझोगे तो आखिर मिट जाओगे’, ये वो तीन हेडलाइंस हैं जो भोपाल के पत्रकार राजकुमार केसवानी ने शहर में हुए भयानक गैस हादसे के दो साल से पहले अपने समाचार पत्र ‘रपट’ की खबरों पर लगाईं।
