बड़ी कठिन है यहां राह: टैक्सी पर निर्भर हैं पहाड़ के लोग, 550 बसों से रह गईं केवल 350, कैसे पहुंचे मंजिल तक

बड़ी कठिन है यहां राह: टैक्सी पर निर्भर हैं पहाड़ के लोग, 550 बसों से रह गईं केवल 350, कैसे पहुंचे मंजिल तक
प्रदेश की परिवहन सेवाओं में राज्य गठन के बाद हालात में ज्यादा सुधार नजर नहीं आया है। इसकी गवाही आंकड़े भी दे रहे हैं। हवाई और रेल सेवा बेहतर होने की बात तो छोड़िए बसों का बेड़ा तक कम हो गया है।
प्रदेश की परिवहन सेवाओं में राज्य गठन के बाद हालात में ज्यादा सुधार नजर नहीं आया है। इसकी गवाही आंकड़े भी दे रहे हैं। हवाई और रेल सेवा बेहतर होने की बात तो छोड़िए बसों का बेड़ा तक कम हो गया है।
