सामूहिक हत्याकांड: मातहतों के कहे पर चले अफसर… हो गया कत्लेआम, आंखें मूंद भरोसा न करते तो जिंदा होते छह लोग

सामूहिक हत्याकांड: मातहतों के कहे पर चले अफसर… हो गया कत्लेआम, आंखें मूंद भरोसा न करते तो जिंदा होते छह लोग
समाधान दिवसों से लेकर आईजीआरएस तक सत्यप्रकाश दूबे की बार-बार शिकायतों पर अफसरों ने खुद संज्ञान लिया होता तो इतना बड़ा हत्याकांड होने से बच सकता था।
समाधान दिवसों से लेकर आईजीआरएस तक सत्यप्रकाश दूबे की बार-बार शिकायतों पर अफसरों ने खुद संज्ञान लिया होता तो इतना बड़ा हत्याकांड होने से बच सकता था।
